नई दिल्ली।
पतंजलि के रिटेलिंग साम्राज्य को टक्कर देने के लिए अब एक और आध्यात्मिक गुरु सामने आ रहे हैं। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर आयुर्वेदिक टूथपेस्ट और साबुन बेचने के लिए करीब एक हजार रिटेल स्टोर खोलेंगे। धर्म गुरुओं की ओर से उठाए जा रहे ये कदम बता रहे हैं, कि भारत में हर्बल उत्पादों की मांग बढ़ती जा रही है।
देश के दूसरे सबसे उच्च नागरिक पुरस्कार से श्री श्री रवि शंकर को सम्मानित किया गया था। अब वह बाबा रामदेव के पतंजलि रिटेल स्ट्रेटजी को अपनाते हुए क्लीनिक और उपचार केंद्र भी शुरू करेंगे। उत्पादों की पहली सूची में वह टूथपेस्ट, डिटर्जेंट, घी और कुकीज को बाजार में पेश करेंगे।
श्री श्री आयुर्वेद ट्रस्ट (एसएसए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तेज कटपिटिया ने कहा कि लोगों ने अब अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में आयुर्वेदिक उत्पादों को स्वीकार कर लिया है। हमें विश्वास है कि मौजूदा ब्रांडों की तुलना में हमारे ब्रांड अलग चीजें पेश करेंगे। ‘श्री श्री तत्व’ नाम से ब्रांड स्टोर खोले जाएंगे।
गौरतलब है कि श्री श्री रवि शंकर की कंपनी साल 2003 से मार्डन रिटेल स्टोर्स और ऑनलाइन मीडियम के जरिये हेल्थ ड्रिंक, साबुन और मसालों आदि की बिक्री कर रही है। मगर, जल्द ही वह 300 तरह की अन्य खाने-पीने की चीजों और घरेलू सामानों को लेकर बाजार में उतर रही है। कंपनी देश में तीन इन-हाउस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में इन उत्पादों का निर्माण करती है।
तेज ने कहा कि अपने क्लिनिक्स के माध्यम से हम पारंपरिक आयुर्वेद डायग्नोसिस में ब्रांड की संपूर्ण विशेषज्ञता ले सकते हैं। हमरा किसी भी प्लेयर के साथा प्रतिस्पर्धा करने का इरादा नहीं है। इसके बजाय हम आयुर्वेद बाजार में बढ़ोतरी कर रहे हैं। गौरतलब है कि एक दशक से भी कम समय में पतंजलि की 10,000 करोड़ रुपए की एक कंपनी बन गई है, जिसकी वजह से कई बहुराष्ट्रीय प्रतिद्वंद्वियों कंपनियों को हर्बल सेक्टर पर अपना ध्यान देना पड़ा है।
जब बात प्राकृतिक उत्पादों की बात आती है, तो कंज्यूमर भारतीय ब्रांड को ही वरीयता देते हैं। नीलसन के सर्वे में यह बात सामने आई कि लोग मानते हैं कि इन्हें आम किचन की सामग्री से मिलाकर बनाया गया है और इसलिए इनके साइड इफेक्ट या एलर्जी नहीं होगी। देश के प्राकृतिक पर्सनल केयर बाजार में देशी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 79 फीसद है।