पटना |
बिहार में इस बार बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। खासतौर पर बिहार के सीमांचल जिले अररिया और पूर्णिया में बाढ़ की स्थिति भयावह है। पांच नदियों से घिरे पूर्णिया में पिछले सात दिनों तक भारी तबाही मचाने के बाद अब हालांकि नदियों के जलस्तर में गिरावट आने लगी है, परंतु बाढ़ पीड़ितों तक सहायता पहुंचाना अब भी एक चुनौती है। वैसे इस राहत और बचाव कार्य में केंद्रीय एजेंसी से लेकर राज्य की एजेंसी तक जुटी हुई है लेकिन इस राहत कार्य में चर्चित नाम पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) निशांत कुमार तिवारी का रहा है, जो इन बाढ़ पीड़ितों के बीच 24 घंटे उपलब्ध रह रहे हैं। जिले के सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों में इनकी छवि एक मसीहा के तौर पर उभर कर आई है।
बाढ़ प्रभावित बायसी के बेलगछी गांव के रामलखन का परिवार तो पुलिस अधीक्षक निशांत तिवारी का मुरीद बन गया है। रामलखन कहते हैं कि बाढ़ आने के बाद से गांव में राहत और बचाव कार्य नहीं पहुंच पाया था। किसी तरह उन्होंने इसकी जानकारी एसपी तक पहुंचाई। उन्होंने कहा, ‘एसपी ने न केवल राहत और बचाव कार्य पहुंचाया, बल्कि वह खुद कमर भर पानी में गांव तक पहुंचे और राहत सामग्री पहुंचाई। वह बाढ़ पीडितों के लिए मसीहा बन गए हैं।’
वैसे, बेलगछी के केवल रामलखन ही ऐसे नहीं हैं, जिनके लिए इस दुख की घड़ी में एसपी निशांत मसीहा बने हों, कई लोग आज निशांत की प्रशंसा कर रहे हैं। पूर्णिया में बाढ़ के दौरान राहत कार्य में मुस्तैद इस पुलिस अधिकारी की चर्चा हर जगह हो रही है। पूर्णिया के एसपी 12 अगस्त से प्रतिदिन बाढ़ पीड़ितों के लिए बने राहत शिविरों में पहुंच कर बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता पहुंचा रहे हैं। वह न सिर्फ शिविरों में पीड़ितों के लिए बन रहे खाने की गुणवत्ता का निरीक्षण कर रहे हैं, बल्कि बाढ़ से पीड़ित लोगों के साथ खाना खाकर उनका मनोबल एवं साहस भी बढ़ा रहे हैं।