श्रीनगर |
अमेरिका ने आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन को प्रतिबंधित करते हुए वैश्विक आतंकी समूह के रूप में लिस्टेड किया है। शायद ही हिज्बुल मुजाहिदीन पर इसका कोई असर पड़ेगा। करीब 400 आतंकियों के दस्ते वाला हिज्बुल मुजहिदीन अमेरिका के इस कदम का कश्मीर में फायदा भी उठा सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मुस्लिम बाहुल्य घाटी में ऐंटी-अमेरिका सेंटिमेंट्स होने की वजह से इस प्रतिबंध के दूसरे ही नतीजे सामने आ सकते हैं।
ध्यान देने वाली बात है कि पिछले वर्षों में पैसे और विचार को लेकर हुए आंतरिक टकराव ने हिज्बुल को झटका दिया है। इसके अलावा दूसरे आतंकी समूहों जैसे जेकेएलएफ द्वारा 1994 में हथियार का रास्ता छोड़ने का भी असर देखने को मिला था। इसके बावजूद हिज्बुल घाटी में न केवल सक्रिय बना रहा बल्कि उसे स्थानीय समर्थन भी मिलता रहा। हुर्रियत के एक टॉप अलगाववादी नेता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि सैयद सलाहुद्दीन अब सीधे पीओके और साउथ कश्मीर से हिज्बुल को चला रहा है।