नई दिल्ली |
विपक्षी एकता की कोशिशों के बीच ऐसी योजना बनाई गई है कि हर महीने विपक्षी दल कम से कम एक बार एक मंच पर जरूर मिलें। इसके तहत 1 सितंबर को गुजरात में बड़ी रैली होगी। इसका आयोजन कांग्रेस कर रही है। रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत 18 विपक्षी दलों के भाग लेने का दावा किया जा रहा है। इससे ठीक पांच दिन पहले पटना में भी 27 अगस्त को आरजेडी की पहल पर संयुक्त विपक्ष की एक रैली हो रही है। गुरुवार को जेडीयू के बागी नेता शरद यादव की पहल पर दिल्ली में विपक्षी दलों के नेता जुटे थे।
हालांकि इस रैली में शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के आने को लेकर संदेह है। दरअसल गुजरात राज्यसभा चुनाव में एनसीपी के दो विधायकों ने अहमद पटेल को वोट नहीं दिया था।इस बात से कांग्रेस में नाराजगी है। पार्टी के नेताओं को इस बात का भी डर है कि अगर 11 अगस्त को हुए राज्यसभा चुनाव की तरह यहां भी एनसीपी ने रैली का बॉयकॉट किया तो इससे रैली की योजना के पीछे के राजनीतिक संदेश को नुकसान पहुंच सकता है।