रायपुर ।
नोटबंदी के बाद से रायपुर में 10 लाख के नकली नोट छापकर मप्र के जबलपुर, सागर, कटनी में खपाने वाले गैंग का भंडाफोड़ हुआ है। गैंग ने कटनी के कारोबारी को 30 हजार के असली नोटों के बदले 1 लाख के नकली नोट दिए थे। कारोबारी के नकली नोटों के साथ गिरफ्तारी से गैंग का पता लगा। रायपुर क्राइम ब्रांच की टीम ने कटनी पुलिस की निशानदेही पर गैंग के 2 अन्य सदस्यों को सिविल लाइन इलाके से गिरफ्तार किया, जबकि तेलीबांधा में रहने वाला तीसरा आरोपी भाग निकला। आरोपियों के कब्जे से स्केनर, कलर प्रिंटिंग मशीन और 2 लाख के नकली नोट मिले हैं।
क्राइम ब्रांच प्रभारी संजय सिंह ने शुक्रवार शाम बताया कि गुरुवार को कटनी पुलिस से सूचना मिली थी कि रायपुर से नकली नोट लाकर कटनी में खपाया जा रहा है। एसपी क्राइम अजातशत्रु ने सहायक उपनिरीक्षक चेतन दुबे के नेतृत्व में टीम गठित किया। कटनी पुलिस के उपनिरीक्षक बीडी द्विवेदी को यहां बुलाकर तफ्तीश शुरू की गई।
सिविल लाइन में रहने वाले संदेही विशाल एशवानी (30) को दुर्ग रेलवे स्टेशन में हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। वह इनकार करते रहा, लेकिन उसके पंडरी स्थित किराए के मकान से स्केनर व कलर प्रिंटिंग मशीन मिला। कड़ाई बरतने पर विशाल ने बताया कि 10 महीने पहले नोटबंदी के दौरान वह 30 हजार के असली नोट के बदले 1 लाख का नकली नोट का सौदा कर कटनी, सागर, जबलपुर, दमोह आदि जिलों में खपा चुका है।