नई दिल्ली |
प्रेजिडेंट रामनाथ कोविंद महीने के आखिर में लद्दाख के पहले आधिकारिक यात्रा पर होंगे। वह ऐसे वक्त में इस इलाके में जा रहे हैं, जब डोकलाम में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनातनी जारी है। वहीं, लद्दाख के पैन्गॉन्ग झील के इलाके में भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच पथराव की घटना हुई है। कोविंद के दौरे को भारतीय बलों का उत्साह बढ़ाने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि 2014 में सत्ता संभालने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी भी इस इलाके में दौरा करने गए थे।
कोविंद यहां सेना के इन्फेन्ट्री रेजिमेंट लद्दाख स्काउट के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस रेजिमेंट के कुल 5 में से हर बटैलियन में 900 सैनिक हैं। कारगिल जंग में पराक्रम दिखाने के बाद 2001 में इसे नियमित आर्मी रेजिमेंट का दर्जा मिला था। राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने कहा है कि कोविंद का दौरा एक दिवसीय होगा। बता दें कि हाल ही में इस इलाके में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। भारतीय जवानों ने उन्हें वापस पीछे ढकेल दिया था।