मुंबई |
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण पर चुटकी लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से देश के नाम अपने संबोधन में बहुत ही संयमित ढंग से भाषण दिया लेकिन ऐसा लगा कि वह विश्व को संंबोधित कर रहे हों। शिव सेना ने पार्टी के मुख पत्र ‘सामना’ के आज के संपादकीय में लिखा है कि मोदी ने कहा कि यह देश बुद्ध और महात्मा गांधी का है और आस्था के नाम पर ङ्क्षहसा को बर्दाश्त नहीं करने की बात पर बल दिया लेकिन इसमें नया क्या है यह सब तो पुराना ही है और लाल किले से इस तरह के भाषण देने की परंपरा भी है।
संबोधन में मोदी ने कहा कि देश में जातिवाद और धर्मांधता के लिए कोई स्थान नहीं है और इससे किसी भी देश का भला नहीं हो सकता। सामना में कहा गया कि आर्थिक विषमता ही जातिवाद का कारण है और इस विषमता को प्रधानमंत्री कैसे समाप्त करेंगे। नोटबंदी और जीएसटी लागू करते समय जो सख्ती बरती गई वही सख्ती वंदे मातरम नहीं कहने वालों पर क्यों नहीं। वंदे मातरम की अनिवार्यता बर्दाश्त नहीं करेंगे कहने वालों पर आप की धाक नहीं है या फिर सब कुछ चलता है यह मानसिकता अभी भी बदली नहीं है।