भोपाल ।
सरकार ने राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (भूमि विकास बैंक) को बंद करने की शुरुआत कर दी है। तिलहन संघ की तर्ज पर ही बैंक के सवा सौ अधिकारियों-कर्मचारियों का दूसरी सहकारी संस्थाओं में संविलियन किया गया है। मुख्यालय के बाद जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के अधिकारियों-कर्मचारियों को सीधी भर्ती के खाली पदों पर नौकरी दी जाएगी। इसके लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के अलावा अन्य संस्थाओं से खाली पदों का ब्योरा मांगा गया है।
सूत्रों के मुताबिक 30 जून को एकमुश्त समझौता योजना खत्म होने के बाद बकाया कर्ज वसूलने के लिए बैंक के पास कोई आकर्षक योजना नहीं है। बैंक को बंद करने का निर्णय सरकार पहले ही ले चुकी है। इसके तहत अधिकारियों-कर्मचारियों का संविलियन दूसरी सहकारी संस्थाओं में होना है। सहकारिता विभाग ने बैंकों से संविलियन वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की सूची बनाकर सहकारी संस्थाओं को भेजी थी।
राज्य स्तरीय समिति ने बैठक करके सवा सौ कर्मचारियों का संविलियन कर दिया है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पहले मुख्यालय स्तर के अधिकारियों-कर्मचारियों का संविलियन होगा। इसके बाद जिला सहकारी केंद्रीय बैंक सहित जिस सहकारी संस्था के पास खाली पद होंगे, वहां संविलियन किया जाएगा। इसके लिए पहले संबंधित संस्थाओं से सहमति ली जाएगी।