अहमदाबाद |
लगातार सामने आ रही चोटी कटने की घटनाओं का राज पुलिस के सख्त रवैये के बाद खुलने लगा है। गुजरात में पिछले तीन दिनों में दर्ज हुई चोटी कटने की 18 घटनाओं में से पांच झूठी साबित हुई हैं। शिकायत करने वालों ने खुद यह माना कि उन्होंने झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। इनमें राजकोट और सूरत से दो-दो और गांधीनगर से एक मामला दर्ज हुआ था। इनमें या तो शिकायत करने वालों ने खुद बाल काटे थे, या तो रिश्तेदारों ने काट दिए थे। पुलिस ने सभी से माफीनामा लिखवाया है।
सूरत पुलिस ने चोटी कटने के फर्जी मामलों के खिलाफ कार्रवाई करने की शुरुआत की है। साथ ही, राजकोट पुलिस ने भी एक एनजीओ विज्ञीन जथा के साथ मिलकर जांच की तो शिकायत करने वालों ने खुद चोटी काटने की बात स्वीकार की और माना कि उन्होंने झूठी कहानी गढ़ी थी। राजकोट के अम्बेडकर नगर में रहने वाली सोनल कुशवाहा ने पहले पुलिस को बताया था कि वह अपने कमरे में सो रही थी, तब कोई उसकी चोटी काट गया। बाद में जब राजकोट सिटी पुलिस, विज्ञान जथा एनजीओ के सदस्यों के साथ इस घटना की जांच करने के लिए पहुंची तो सोनल बेहोश हो गई और स्थानीय लोगों ने पुलिस से जाने को कहा। जब पुलिस ने उससे बात किए बिना जाने से इनकार कर दिया, तब सोनल के भाई-बहन ने कबूल किया कि उन्होंने सोनल की चोटी काटी थी और वह भी योजना का हिस्सा थी।