नई दिल्ली |
क्या अहमद पटेल की राज्यसभा चुनाव में जीत ने कांग्रेस में युवा जोश बनाम अनुभव की बहस को दोबारा से हवा दे दी है। पटेल की जीत को जहां पार्टी का एक धड़ा पुराने दिग्गजों के पार्टी की धुरी बने रहने की संभावनाओं के तौर पर देख रही है। बता दें कि उपाध्यक्ष राहुल गांधी के लगातार बढ़ते कद और जल्द उनकी पार्टी अध्यक्ष के तौर पर होने वाली ताजपोशी की खबरों की वजह से पार्टी में जनरेशन नेक्स्ट के हावी होने की अटकलें चल रही थीं।
कांग्रेस वेटरन लीडर पटेल को ये जीत यूं ही नहीं मिली। राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की हर सियासी चाल को जिस तरह नाकाम किया गया, उससे पार्टी के कुछ नेताओं को आने वाले वक्त में बीजेपी से टक्कर के लिए ‘अनुभव’ की अहमियत समझ में आ रही है। बता दें कि कांग्रेस में यंग बनाम ओल्ड की लड़ाई काफी वक्त से चली आ रही है। 2014 में पार्टी को मिली शिकस्त और उस वक्त पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने के बाद यह बहस और तेज हो गई। कई लोग मानते हैं कि पार्टी खुद को बदलने में असफल रही थी।