नई दिल्ली |
अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद टाइटल विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले से जुड़े कागजात और दस्तावेज के ट्रांसलेशन के लिए 3 महीने का समय दिया है। सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि मूल ऐतिहासिक दस्तावेज संस्कृत, पारसी, उर्दू और अरबी में हैं और इनका अनुवाद का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। इसके बाद कोर्ट ने इसके लिए 3 महीने का वक्त दिया। मामले की अगली सुनवाई अब 5 दिसंबर को होगी।
3 जजों की स्पेशल बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट में 7 साल बाद अयोध्या मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि 7 भाषा वाले दस्तावेज का पहले का अनुवाद किया जाए। कोर्ट से साथ ही कहा कि वह इस मामले में आगे कोई तारीख नहीं देगा। उल्लेखनीय है कि इस मामले से जुड़े 9,000 पन्नों के दस्तावेज और 90,000 पन्नों में दर्ज गवाहियां पाली, फारसी, संस्कृत, अरबी सहित विभिन्न भाषाओं में हैं, जिसपर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कोर्ट से इन दस्तावेजों को अनुवाद कराने की मांग की थी।