नई दिल्ली |
राष्ट्रीय राजनीति में बोफोर्स के विवादित मुद्दे की वापसी होती दिख रही है। इस केस पर दोबारा सुनवाई करने की अपील पर सुप्रीम कोर्ट इस महीने विचार कर सकता है। उस दौरान सीबीआई उस अपील का समर्थन कर सकती है। हालांकि, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए शासन में सीबीआई ने सरकार की राय रखते हुए कहा था कि अपील करने का कोई तुक नहीं बनता है। इकनॉमिक टाइम्स ने इस स्टोरी के लिए सीबीआई के कई इंटरनल डॉक्युमेंट्स और फाइल नोटिंग्स को देखा है।
बोफोर्स मामले पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील बीजेपी सदस्य और एडवोकेट अजय अग्रवाल ने की है। अग्रवाल ने स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) की जल्द सुनवाई की मांग की है। यह याचिका सितंबर 2005 से लंबित है। बता दें कि बोफोर्स केस के आरोपियों को दिल्ली हाई कोर्ट ने मई 2005 में बरी कर दिया था। बोफोर्स केस 1987 में सामने आया था। स्वीडन से तोप खरीदने के सौदे में रिश्वत के लेनदेन के आरोपों में तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी और दिवंगत इतालवी कारोबारी ओतावियो क्वात्रोकी के नाम घिर गए थे।