नई दिल्ली |
‘बीमारी बता दे, तेरा शर्तिया इलाज होगा।’ यह किसी झोलाछाप डॉक्टर का विज्ञापन नहीं बल्कि दिल्ली विधानसभा में सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा विपक्ष पर कसी जा रही फब्तियां हैं। विपक्षी सदस्य अगर विधानसभा अध्यक्ष से इस बात की शिकायत करते हैं, तो उलटे उन्हें डांट पड़ रही है और कहा जाता है कि तुम सदन में ड्रामा कर रहे हो।
दिल्ली विधानसभा में कल सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सरकारी अस्पतालों में दवाई की कमी का मामला उठाया और आरोप लगाया कि इस कमी के चलते अस्पतालों में मरीजों की मौत हो रही है। उनका कहना था कि खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी दवाओं की कमी मान रहे हैं, लिहाजा सदन में इस पर चर्चा करवाई जाए।
विपक्षी सदस्य मनजिंदरजीत सिंह सिरसा, जगदीश प्रधान ने भी उनका समर्थन किया। उनके इतना कहते ही सत्ता पक्ष के सदस्य नितिश त्यागी, जरनैल सिंह, सहीराम पहलवान, सौरभ भारद्वाज, बंदना कुमारी, आदि खासे नाराज हो जाए। उन्होंने विपक्षी नेता से कहा कि अगर तुझे कोई बीमारी है तो बता दे, उसका शर्तिया इलाज होगा। सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि बैठ जा, तेरा इलाज नहीं हो सकता। विपक्ष ने जब अपनी बात जारी रखी, तो सत्ता पक्ष के सदस्य अपने आसन से उठकर शोरशराबा करने लगे। अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने उन्हें बैठने को कहा लेकिन वे काफी देर तक हंगामा करते रहे।