भोपाल।
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई होगी। सामान्य प्रशासन विभाग के अफसर सहित सपाक्स-अजाक्स के प्रतिनिधि दिल्ली पहुंच गए हैं। इसे लेकर बुधवार को सरकारी दफ्तरों में चर्चाओं का माहौल रहा। कर्मचारी कयास लगाते रहे कि इस बार फैसला हो जाएगा। हालांकि उनके चेहरे पर हर बार की तरह इस बार भी सुनवाई टलने की चिंता भी थी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच में प्रदेश का पदोन्नति में आरक्षण का प्रकरण पहले नंबर पर लगा है। इसलिए संभावना है कि बेंच प्रकरण को सुनेगी।
करीब साढ़े चार माह बाद इस मामले की सुनवाई हो रही है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 29 मार्च को यह प्रकरण सुना था। तब सुनवाई के बीच बेंच ने खुद को मामले से अलग करते हुए प्रकरण दूसरी बेंच को ट्रांसफर कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस बेंच में शामिल एक न्यायाधीश ऐसे ही एक अन्य प्रकरण में फैसला सुना चुके हैं। इसलिए बेंच इस मामले को ट्रांसफर कर रही है। ताकि पूर्वाग्रह से निर्णय लेने के आरोप न लगें। इसके बाद प्रकरण त्रिपुरा और बिहार के साथ मर्ज कर दिया गया था।
गुरुवार को यह बेंच पहली बार मध्य प्रदेश के प्रकरण को सुनेगी। इसलिए फैसले के आसार कम हैं, लेकिन अनारक्षित और आरक्षित वर्ग की तैयारी फैसले जैसी ही है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 खारिज किया है। तभी से दोनों वर्ग अपने हक के लिए सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें सरकार आरक्षित वर्ग के साथ खड़ी है।