इंदौर।
25 करोड़ रुपए से अधिक राशि कोषालय में जमा करने के फर्जी चालान दिखाकर शराब दुकानों की एनओसी लेने का मामला मंगलवार को उजागर हुआ है। कलेक्टर निशांत वरवड़े ने 12 ठेकदार सहित दो लोगों के खिलाफ एफआरआर दर्ज करने के लिए डीआईजी को पत्र लिखा है। विभाग यह राशि अब शराब ठेकेदारों से वसूलेगा।
अफसरों को इस फर्जीवाड़े का पता चालान में अंकित राशि के आंकड़ों से चला, क्योंकि राशि राउंड फिगर में नहीं आ रही थी। कभी 40 हजार पांच सौ का चालान आता तो कभी 50 हजार चार सौ का। लगातार ऐसे चालान जमा होने पर कोषालय से राशि का मिलान किया गया, तब पता चला कि राशियां भरी ही नहीं गईं। चालान की दूसरी प्रति में पैसा बढ़ाकर दुकान की एनओसी ली जा रही थी। इसमें विभाग के कर्मचारियों की कितनी मिलीभगत है। इसकी भी जांच की जा रही है, जो ठेकेदार इस फर्जीवाड़े के चक्कर में निशाने पर आए हैं वे बड़े और स्थापित हैं।
सहायक आबकारी अधिकारी अमर सिंह सिसौदिया के अनुसार चालान में छेड़खानी कर एनओसी लेने का एक गिरोह काम कर रहा था। इसका मास्टरमाइंड मंदसौर निवासी राजू दंशवत और उदयपुर निवासी अंश त्रिवेदी है। दोनों ने जिले की आठ शराब दुकानें चलाने के लिए शराब ठेकेदारों से ले रखी हैं, जबकि तय शर्तों में ऐसा नहीं है। दुकानों के लिए फर्जी चालान से एनओसी प्राप्त की है। कोषालय की राशि और चालान में जमा राशि के मिलान से इस रैकेट का भंडाफोड़ हुआ। आबकारी विभाग ने राजू को पुलिस के हवाले कर दिया है।