थिंपू |
एक अप्रत्याशित, लेकिन अपुष्ट दावे के मुताबिक भूटान ने डोकलाम के विवादित क्षेत्र पर चीन का अधिकार मान लिया है। चीन की एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि डोकलाम के जिस इलाके पर विवाद के कारण भारत और चीन की सेनाएं एक-दूसरे के सामने खड़ी हैं, उसे भूटान ने चीनी भूभाग के तौर पर स्वीकार कर लिया है। अधिकारी का कहना है कि भूटान ने इस इलाके के चीनी भूभाग का हिस्सा होने की बात स्वीकार कर ली है। सीमा विवाद से संबंधित मसलों से जुड़े चीन की एक वरिष्ठ राजनयिक वांग वेनली ने भारतीय मीडिया के एक प्रतिनिधिमंडल के सामने यह बात कही। वांग के इन दावों की पुष्टि नहीं हो पाई है। न ही वांग ने अपने दावे की पुष्टि में कोई साक्ष्य पेश किया। वांग का यह दावा भूटान के आधिकारिक रुख के बिल्कुल विपरीत है।
वांग का दावा है कि भूटान ने कूटनीतिक माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए पेइचिंग के पास यह संदेश भेजा है कि जिस इलाके में भारत और चीन की सेनाएं एक-दूसरे के सामने खड़ी हैं, वह उसका क्षेत्र नहीं है। मालूम हो कि भूटान और भारत शुरू से ही डोकलाम के इस विवादित हिस्से को थिंपू के भूभाग का हिस्सा बताते आए हैं। भारत भूटान का रक्षा सहयोगी होने के कारण चीन का विरोध कर रहा है। चीन ने इस क्षेत्र में सड़क बनाने की कोशिश की थी, जिसका भूटान और भारत ने विरोध किया था। भूटान शुरू से ही इस मामले में चीन का विरोध कर रहा है। भूटान का कहना है कि 16 जून को चीन की सेना ने डोकलाम में घुसकर सड़क बनाने की कोशिश की, जो कि भूटान और चीन के बीच हुई द्विपक्षीय संधि का उल्लंघन है।