इंदौर।
नर्मदा बचाओ आंदोलन नेत्री मेधा पाटकर को प्रशासन और पुलिस ने अघोषित रूप से बॉम्बे अस्पताल में ‘नजरबंद’ कर रखा है। इलाज के नाम पर उन्हें अस्पताल की चौथी मंजिल पर बने आईसीयू में रखा है। मेन गेट से लेकर आईसीयू के गेट तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस और प्रशासन की टीम तैनात है। इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज और उनके परिजन तक को जांच से गुजरना पड़ रहा है। इधर अस्पताल सूत्रों के मुताबिक पाटकर की हालत सामान्य है। उनका ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन स्थिर हैं।
सरदार सरोवर बांध को लेकर पाटकर 13 दिन से अनशन पर हैं। सोमवार शाम करीब 5.30 बजे तबीयत बिगड़ने का हवाला देकर उन्हें जबरन अनशन स्थल से उठा लिया गया था। रात 10 बजे के लगभग पाटकर को बॉम्बे अस्पताल की आईसीयू में भर्ती कराया गया जबकि उनके साथ अनशन पर बैठे अन्य लोगों का इलाज धार जिला अस्पताल में चल रहा है।
मंगलवार दिनभर पुलिस और प्रशासन की टीमें बॉम्बे अस्पताल में डेरा जमाए रही। अस्पताल के मेनगेट से लेकर आईसीयू के गेट तक बगैर पुलिस जांच के किसी को प्रवेश नहीं दिया गया। हालत यह थी कि मेधा पाटकर से मिलने पहुंचे कुक्षी विधायक सुरेंद्र बघेल और रतलाम के पूर्व विधायक पारस सकलेचा को भी पुलिस से हुज्जत करना पड़ी। सकलेचा तो मेन गेट पर धरने पर बैठ गए।