इंदौर।
कमर्शियल और हेवी वाहनों की फिटनेस प्रक्रिया को हाईटेक करने जा रहा परिवहन विभाग अब वाहनों के चेचिस को जांचने के लिए डिजिटल प्रक्रिया अपनाएगा। ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा। इस प्रक्रिया के लागू होने के बाद नंबर प्लेट बदल कर फिटनेस प्रमाणपत्र लेने का फर्जीवाडा पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
पुणे और नासिक में बने हाईटेक फिटनेस केन्द्र की तर्ज पूरे प्रदेश में 30 अत्याधुनिक फिटनेस सेंटर बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसके लिए डीपीआर बनाने का काम (सेंन्ट्रल इंस्टीटयूट ऑफ रोड़ ट्रांसपोर्ट ) सीआईआरटी को सौंपा गया है।
आरटीओ डॉ एमपी सिंह ने बताया कि हमने पिछले सप्ताह हुई मुलाकात में सीआईआरटी के अधिकारियों को काफी बातें बता दी थी। लेकिन इंदौर में कुछ मामले ऐसे सामने आए है जिसमें फर्जी नंबर प्लेट लगा कर फिटनेस किया गया है। हमने इस संबध में वहां के अधिकारियों को बताया तो उन्होंने बताया कि वे इसके लिए कुछ अलग व्यवस्था कर देगें। जिसके बारे में सीआईआरटी के अधिकारियों से कहा है कि वे ऐसे कैमरे या डिवाइस का इंतजाम कर दे। जिससे वाहन के चेचिस नंबर और इंजन नंबर का फोटो खिंचा जा सके। फोटो में आए नंबर को विभाग की वेबसाइट से मिलान कर लिया जाए। जिससे यह फर्जीवाडा भी बंद हो जाएगा। अधिकारियों ने इसके लिए सहमति दे दी है ।
डॉ सिंह ने बताया कि जब यह व्यवस्था लागू हो जाएगी तो मध्यप्रदेश इतने हाईटेक तरीके से फिटनेस करने वाला देश का पहला राज्य होगा। जिसमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश ही नहीं रहेगी। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में यह सिस्टम को हम बीओटी (बिल्ट ऑपरेट एंड ट्रांसफर) पर बनेगा। जिसमें वाहन की बॉडी,चेचिस,टायन और इंजन की जांच के बाद वाहन 6 मिनट में बाहर आ जाता है ।