धार।
नर्मदा की घाटी में ये लड़ाई जारी है, जारी है भई जारी है… इस गीत के साथ मंगलवार को नबआं कार्यकर्ताओं सहित सरदार सरोवर डूब प्रभावितों ने पूरी ताकत से अनशन जारी रखने का संकल्प दोहराया। ज्ञात हो कि सोमवार शाम को पुलिस के बल पर नबआं नेत्री मेधा पाटकर और अन्य 5 अनशनकारियों को उठा लिया गया था। इसके बाद रात को पुलिस ने और 4 अनशनकारियों का चिखल्दा से उठाया।
इस कार्रवाई के विरोध में मंगलवार को घाटी के 14 गांव बंद रहे। निसरपुर में बड़ी संख्या में एकत्रित डूब प्रभावितों ने रैली निकाल ज्ञापन सौंपा। चिखल्दा में प्रदेश सरकार के 900 करोड़ की घोषणा के फ्लैक्स के साथ मुख्यमंत्री का पुतला फूंका गया।
उधर चिखल्दा में शेष बची दो अनशनकारियों महिलाओं सहित कुल 12 डूब प्रभावित फिर अनशन पर डट गए हैं। मंगलवार को आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल चिखल्दा पहुंचे। मीडिया को उन्होंने कहा कि न्यायालय के किसी आदेश में कहीं इस बात का उल्लेख नहीं है कि पूर्ण पुनर्वास बिना किसी को डुबोया जाएगा। इसी तरह अस्थायी शेड का कहीं कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने सोमवार को हुई कार्रवाई को लोकतंत्र के लिए कलंक करार दिया।