नई दिल्ली |
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में एक नया मोड़ आया है। शिया वक्फ बोर्ड ने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है। शिया वक्फ बोर्ड ने हलफनामे में कहा है कि विवादित जमीन पर राम मंदिर बनना चाहिए और उससे थोड़ी दूर मुस्लिम इलाके में मस्जिद बनाई जानी चाहिए। शिया वक्फ बोर्ड ने दावा किया है कि बाबरी मस्जिद शिया वक्फ थी इसलिए इस मामले में दूसरे पक्षकारों के साथ बातचीत और एक शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने का अधिकार केवल उसी के पास है।
शिया वक्फ बोर्ड ने कहा है कि अगर मंदिर-मस्जिद का निर्माण हो गया तो इस लंबे विवाद और रोज-रोज की अशांति से मुक्ति मिल जाएगी। उधर, अयोध्या विवाद मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय बेंच का गठन किया गया है। यह बेंच 11 अगस्त ने इन याचिकाओं की सुनवाई करेगी।
इस तीन सदस्यीय खंडपीठ के अन्य सदस्यों में जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। यह खंडपीठ अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद भूमि के मालिकाना हक को लेकर चल रहे विवाद का निर्णय करेगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 2010 में अपनी व्यवस्था में इस भूमि को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच तीन हिस्सों में बराबर-बराबर बांटने का निर्देश दिया था।