वाराणसी |
सावन के आखिरी सोमवार को गंगा-जमुनी तहजीब के मरकज बनारस में अनोखी मिसाल देखने को मिली। काशी विश्वनाथ मंदिर की ड्योढ़ी पर पहुंचने से पहले कांवड़ियों व श्रद्धालुओं के मुसलमानों ने पैर धोए और उन्हें पानी पिलाकर भीषण गर्मी में राहत दी। इसके पीछे न कोई सियासत और न सियासी दांव। मकसद था बनारस से भाईचारे का संदेश देना।
सावन के आखिरी सोमवार को भोलेनाथ के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु और कांवड़िए बनारस पहुंचे। रविवार की रात 12 बजे से ही काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने को लाइन लग गई। उमस वाली गर्मी से लाइन में लगे श्रद्धालु बेहाल रहे। इस बीच मंदिर जाने वाले सरस्वती फाटक इलाके में मुसलमानों की टोली ने अचानक पहुंच सभी को चौंका दिया।
‘ऊपर वाला ऐसी सोच सबको दे’
टोली की अगुआई कर रहे चौक इलाके के पोस्ट वॉर्डन आरिफ इकबाल के साथ मोहम्मद राशिद, मोहम्मद अकरम ने पाइप से भक्तों के पैर धोने शुरू कर दिए। प्यासों को पानी पिलाकर राहत दी। यह सिलसिला सुबह मंदिर का कपाट खुलने तक चलता रहा। यह सब देख दिल्ली की बुजुर्ग शांति देवी, हरियाणा की उर्मिला, हिमांचल से आए नरेश कुमार समेत कई श्रद्धालु खुश दिखे।