श्रीनगर |
इलाके की जामा मस्जिद हाल के वर्षों में कश्मीर की राजनीति का गढ़ बन चुकी है। खासकर कश्मीरी युवाओं और सुरक्षाबलों के बीच टकराव के लिए इस जगह का नाम अक्सर आता रहता है। जुमा यानी शुक्रवार की नमाज के बाद पत्थरबाजी इस इलाके की पहचान बन चुकी है। पिछले दो दशकों से कश्मीरी युवाओं और सुरक्षाबलों के बीच झड़पों को लेकर ये इलाका युद्धक्षेत्र बना हुआ है। अब तो कुछ लोग इस इलाके को कश्मीर का गाजा भी कहने लगे हैं।
जुमे की नमाज के बाद पत्थरबाजी बनी पहचान
शुक्रवार की नमाज के बाद इलाके में पत्थरबाजी नौहट्टा पुलिस स्टेशन और सीआरपीएफ की टुकड़ियों के लिए सामान्य बात हो गई है। हाल ही में एक पुलिस अधिकारी मोहम्मद अय्यूब पंडित की इसी मस्जिद के परिसर में भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। श्रीनगर की ये जामा मस्जिद लंबे वक्त से मीर वाइज परिवार के लिए एक अहम मंच रहा है।नमाज के दौरान मीर वाइज उमर फारूक को जामिया मस्जिद में उपदेश देते हुए देखा जा सकता है। सरकार अब अक्सर मस्जिद में जुमा की नमाज पर पाबंदी लगाती रहती है, क्योंकि नमाज के बाद पत्थरबाजी से स्थिति के नियंत्रण से बाहर होने का खतरा बना रहता है।