जयपुर।
कम समय अवधि के वीसा पर पाकिस्तान से आए हिंदू वापस लौटना नहीं चाहते थे। उन्होंने वीसा को लंबी समय अवधि में बदलने की अर्जी अदालत में लगाई। छुट्टी का दिन होने के बावजूद शनिवार को भी अदालत बैठी और सुनवाई हुई। कोर्ट ने उनकी वापसी पर रोक भी लगाई, पर अधिकारियों की अतिरिक्त सतर्कता के चलते फरियादियों को इसका लाभ नहीं मिल सका। वे पहले ही उन्हें पाकिस्तान जाने वाली ट्रेन पर बिठा चुके थे। जब तक कोर्ट के आदेश का पालन हो पाता, तब तक सारे यात्री पाकिस्तान पहुंच चुके थे।
पाकिस्तान से जोधपुर आए नौ हिंदुओं की वीसा अवधि समाप्त हो चुकी थी। पाकिस्तानी नागरिक चंदू भील ने शुक्रवार को वीसा लंबी समय अवधि में तब्दील कराने की अर्जी कोर्ट में लगाई थी। मामला कोर्ट में लंबित था। सीआइडी के अधिकारियों ने उन्हें पाकिस्तान वापस जाने का अल्टीमेटम दे दिया। उनकी मदद को सीमांत लोक संगठन आगे आया।
संगठन के हिंदू सिंह सोढ़ा ने शुक्रवार को ही हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग की कोर्ट में विशेष अपील की। मुख्य न्यायाधीश ने जज विजय विश्नोई की अध्यक्षता में स्पेशल बेंच गठित कर दी। 13 वर्ष बाद छुट्टी के दिन शनिवार को राजस्थान हाई कोर्ट की जोधपुर बेंच में सुनवाई हुई। बेंच ने इन नौ पाक नागरिकों को स्वदेश भेजने पर नौ अगस्त तक रोक लगा दी। लेकिन इंटेलीजेंस के अधिकारी शुक्रवार रात को ही उन्हें भारत-पाक के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस ट्रेन में बैठा चुके थे।
पाक नागरिकों ने उन्हें शनिवार को कोर्ट में सुनवाई की बात कही, लेकिन अधिकारी नहीं माने। शनिवार को जब कोर्ट में सुनवाई चल रही थी उसी समय पाकिस्तानी हिंदू नागरिक मुनाबाव स्टेशन पहुंच चुके थे। मुनाबाव भारत का अंतिम स्टेशन है। सुनवाई के दौरान जब जस्टिस विश्नोई को पता चला कि वे तो पाकिस्तान पहुंचने वाले हैं तो उन्होंने सीआइडी को आदेश दिया कि स्टे ऑर्डर तत्काल मुनाबाव सुरक्षा चौकी पहुंचाया जाए, इसके लिए चाहे मेल करें अथवा फैक्स।
जब तक आदेश पहुंचाया जाता तब तक सारे पाकिस्तानी हिंदू नागरिक पाक के खोखरापार स्टेशन के लिए रवाना कर दिए गए थे। कोर्ट द्वारा स्टे ऑर्डर देने की सूचना मुनाबाव चौकी तक पहुंचाते तब तक सभी नौ लोग पाक के लिए रवाना हो चुके थे। ये सभी नौ लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं।