भोपाल।
यह फोटो बंधुआ मजदूरों की नहीं, बल्कि हमारे आपके जैसे ही आम लोगों की है। जो रक्षाबंधन पर भोपाल की सेंट्रल जेल में अपने परिजनों से मिलने व राखी बांधने पहुंचे थे। दरअसल, जेल में परिजनों को कैदियों से मिलने से पहले पहचान चिन्ह के लिए इस तरह की सील हाथ पर लगाई जाती है, ताकि कोई कैदी भीड़ का फायदा उठाकर बाहर न निकल जाए।
पर सोमवार को यहां बड़े ही अमानवीय ढंग से बच्चों व युवतियों के चेहरे पर सील लगा दी गई। जो देखने में ऐसी लग रही थी, जैसे कोई बंधुआ मजदूर हों या वांछित अपराधी। इसे लेकर परिजनों में रोष भी देखा गया, लेकिन वे भी कर कुछ नहीं सकते थे, क्योंकि रक्षाबंधन जो मनाना था। जेल अधिकारी भी इसे अनुचित करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसा करना न तो जेल मेन्युअल में है और न ही परंपरा में।