नई दिल्ली |
मंगलवार को गुजरात में तीन और पश्चिम बंगाल में 6 सीटों के लिए राज्य सभा चुनाव हो रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी गुजरात से चुनाव लड़ रहे हैं। राज्यसभा में अमित शाह की एंट्री बीजेपी के मौजूदा सांसदों के वजन को और भी बढ़ाने वाली साबित होगी।
अमित शाह सांसद पद के लिए पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। पांच बार विधायक रह चुके अमित शाह 2014 लोकसभा चुनावों के बाद से ही बीजेपी को लगातार मिल रही सफलताओं के सूत्रधार रहे हैं। 2014 के चुनावों में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद पीएम मोदी ने भी अमित शाह को ही ‘मैन ऑफ द मैच’ कहा था। हालांकि अमित शाह ने साफ कर दिया है कि राज्यसभा सांसद बनने के बावजूद वह केंद्रीय कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि संसद में शाह की मौजूदगी पार्टी सांसदों के मनोबल को बढ़ाएगी। पिछले दिनों बीजेपी पहली बार राज्यसभा में संख्याबल के लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी बनी है। राज्यसभा में बीजेपी के सांसदों की संख्या कम होने की वजह से अक्सर विपक्ष हावी होता नजर आता रहा है। पिछले दिनों विपक्ष नैशनल कमिशन फॉर बैकवर्ड क्लासेज बिल में संशोधन कराने जबकि मोटर वीइकल ऐक्ट बिल में संशोधन के लिए उसे चयन समिति के पास भेजने में सफल हो गया था।
राज्यसभा में सांसदों की अनुपस्थिति बीजेपी के लिए एक बड़ा मुद्दा है। इसी की वजह से विपक्ष को पिछड़े वर्ग से जुड़े बिल में संशोधन कराने में सफलता मिली थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सदन में शाह की मौजूदगी का असर दूसरे सदस्यों पर भी पड़ेगा। शाह का संसदीय डेब्यू उस समय होने जा रहा है जब वेंकैया नायडू उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति की कुर्सी संभालेंगे।