बड़वानी।
नर्मदा के डूब प्रभावित गांवों के पुनर्वास को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर के अनशन दसवें दिन भी जारी रहा। इस दौरान उन्हें मनाने के लिए भय्यू महाराज और इंदौर कमिश्नर संजय दुबे चिखल्दा पहुंचे। उन्होंने मेधा पाटकर और डूब प्रभावितों से संवाद किया।
इस दौरान मेधा पाटकर ने कहा कि पुनर्वास के नाम पर लोगों को टीन के शेड दिए गए है। पुनर्वास स्थालों पर क्या सुविधाएं जुटाई गई हैं, व्यावसायिक पुनर्वास का क्या हुआ। उन्होंने कहा कि अगर हम कानूनी दायरे से ज्यादा मांगे तो आप मना कर सकते हैं। एनवीडीए के अधिकारी सामने क्यों नही आ रहे। 60 लाख में से 15 से 20 लाख दलाल मांग रहे हैं। पाटकर ने कहा कि सीएम ने प्रतिनिधि मंडल भेजा है। एनसीए के अनुसार बैलेंस शून्य है तो 900 करोड़ का पैकजे क्यों।
अस्थाई नहीं स्थाई पुनर्वास ही देना होगा। बड़वानी कलेक्टर जेसीबी किराए पर ले रहे हैं। मेधा ने कहा कि मर जाएंगे लेकिन हम गांव नहीं छोड़ेंगे। गुजरात के सभी तालाब ओवर फ्लो हो रहे हैं, फिर डेम भरने की जल्दी क्या है। मोदी जी की राजनीतिक और शिवराज सिंह की प्रतिष्ठा का प्रश्न बना दिया है। राज्य की तिजोरी खाली हुई है, गांव खाली नहीं हुए हैं और गांव खाली नहीं होंगे।