जयपुर।
नाबालिग से दुष्कर्म मामले में जोधपुर जेल में बंद आसाराम के अति उत्साही समर्थक एक बार फिर आसाराम के लिए परेशानी खड़ी करते नजर आ रहे है। कोर्ट ने आसाराम के वकीलों को चेतावनी दी है कि वे आसराम के समर्थकों पर काबू करें, अन्यथा आसाराम के मामले की सुनवाई जेल में ही होगी। ऐसा एक बार पहले भी हो चुका है और उस दौरान आसाराम का जेल से निकलना बंद हो गया था।
आसाराम के समर्थक जोधपुर पुलिस के लिए परेशानी खड़ी करते आए है। इसी को लेकर पुलिस और राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में मांग की गई है कि आसाराम के मामले की सुनवाई जेल में ही कराई जाए। याचिका की सुनवाई करते हुए आसाराम के अधिवक्ताओं को फटकार लगाई।
राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस गोविन्द माथुर व जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने सरकार के पक्ष को सुनने के बाद मौखिक रूप से फटकार लगाई।
कोर्ट में सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवकुमार व्यास ने पक्ष रखते हुए कहा कि आसाराम के समर्थक कोर्ट परिसर में हंगामा करते हैं। इनकी संख्या इतनी होती है कि दूसरे पक्षकार भी परेशान होते है। कई बार पुलिस ने समझाया भी लेकिन परिणाम नहीं निकला। ऐसे में मामले की सुनवाई को जेल में ही शिफ्ट किया जाए तो बेहतर होगा।
हाईकोर्ट ने सरकार के पक्ष को जानने के बाद आसाराम की ओर से कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ताओं को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि समर्थकों को समझाएं नहीं तो सुनवाई जेल में ही होगी। आसाराम के वकीलों ने कोर्ट से एक मौका मांगा है।
एक बार पहले भी ऐसी स्थिति आ चुकी है और उस समय कोर्ट ने जेल में सुनवाई के आदेश दे दिए थे। हर रोज जेल में ही कोर्ट लगती थी और वहां मामले की सुनवाई होती थी। बाद में कोर्ट ने कई शर्तों के साथ इस व्यवस्था कोबदला था। कुछ दिन समर्थक काबू में रहे, लेकिन अब फिर पहले जैसी स्थिति बन गई है।