मुम्बई |
आयकर विभाग ने नोटबंदी के दौरान हुए करीब 1000 करोड़ रुपए के घोटाले का पर्दाफाश किया है। इसमें सहकारी ऋण समितियों के अधिकारी और सदस्य शामिल हैं। इन समितियों ने नोटबंदी के दौरान बैंकों में भारी नकदी जमा करवाई थी। विभाग के शुरूआती अनुमानों के मुताबिक पिछले साल नवम्बर और दिसम्बर के दौरान करीब 1000 करोड़ रुपए की कर चोरी की गई।
नोटबंदी के 50 दिन बाद वाणिज्यिक बैंकों द्वारा वित्तीय लेन-देन के बारे में जमा करवाए आंकड़ों की जांच के दौरान यह घोटाला सामने आया। जानकारी और आंकड़ों के आधार पर आयकर विभाग ने देश भर में 2 दर्जन से अधिक सहकारी ऋण समितियों की तलाशी ली। इन समितियों के सदस्यों और जमाकत्र्ताओं को भी खंगाला गया। नोटबंदी के दौरान इन समितियों में भारी मात्रा में नकदी जमा करने वाले सदस्यों की आय के स्रोत का पता लगाने के लिए मुख्यत: महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और पश्चिम बंगाल में यह कार्रवाई की गई।
विभाग के सूत्रों के मुताबिक देश के विभिन्न बैंकों की शाखाओं में मौजूद इन समितियों के खातों में भारी नकदी जमा की गई। इस राशि को फिर रियल टाइम ग्रॉस सैटलमैंट (आर.टी.जी.एस.) के जरिए कई दूसरे लोगों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया। आंकड़ों के मुताबिक नोटबंदी के दौरान इन समितियों ने करीब 200 आर.टी.जी.एस. लेन-देन किए।