नई दिल्ली |
किसान संगठन ‘फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया फार्मर असोसिएशंस (एफएआईएफए)’ ने जीएसटी परिषद की सिगरेट पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की हालिया घोषणा को वापस लेने की मांग की है। संगठन ने इस संबंध में सरकार से समीक्षा करने को कहा है। एफएआईएफए ने कहा है कि किसानों की आय तथा तंबाकू-कृषि उत्पादों के भाव में स्थिरता लाने की आवश्यकता है।
संगठन के अध्यक्ष जावरे गौड़ा ने कहा, ‘मुआवजा शुल्क में वृद्धि से आए अतिरिक्त कर बोझ का भारतीय तंबाकू किसानों के जीवनयापन पर प्रतिकूल प्रभाव पडे़गा। जैसा कि पहले भी देखा गया है, करों में वृद्धि से बाजार में अवैध सिगरेट की मात्रा में बढ़ोत्तरी होती है।’ संगठन ने कहा कि संशोधित शुल्क के कारण जीएसटी लागू होने से पहले की तुलना में करीब 13 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स का दबाव बढ़ा है।
यह संगठन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और गुजरात के नकदी फसल किसानों का प्रतिनिधित्व का दावा करता है। उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने 5000 हजार करोड़ रुपये सालाना के पूर्वानुमानित लाभ के लिए जुलाई में सिगरेटों पर शुल्क बढ़ाने की घोषणा की थी। उसने सिगरेटों पर जीएसटी की उच्चतम दर 28 प्रतिशत तथा 5 प्रतिशत मूल्य आधारित शुल्क को बरकरार रखा था। हालांकि, स्थिर शुल्क को बढ़ाकर प्रति 1000 सिगरेट पर 485 से 792 रुपये कर दिया गया था।