पटना |
असोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि बीजेपी के साथ मिलकर नीतीश कुमार की अगुवाई में बनी बिहार की नई सरकार के 75 फीसदी से ज्यादा मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। बिहार की पिछली महागठबंधन सरकार में दागी मंत्रियों की संख्या तुलनात्मक रूप से कम थी । महागठबंधन सरकार में नीतीश की पार्टी जेडीयू के साथ आरजेडी और कांग्रेस शामिल थी ।
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में जेडीयू-बीजेपी-एलजेपी की मौजूदा सरकार के 29 में से 22 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि पिछली महागठबंधन सरकार में कुल 28 मंत्रियों में से 19 मंत्री दागी थे। बिहार इलेक्शन वॉच और ADR की ओर से मुख्यमंत्री सहित 29 मंत्रियों के चुनावी हलफनामे के विश्लेषण के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई । रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा सरकार के जिन 22 मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, उनमें नौ के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
नई सरकार के नौ मंत्रियों की शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास से लेकर 12वीं पास तक है, जबकि 18 मंत्री स्नातक या इससे अधिक पढ़े-लिखे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछली कैबिनेट में दो महिलाएं शामिल की गई थीं, जबकि नई कैबिनेट में सिर्फ एक महिला है। वहीं, नीतीश की अगुवाई वाली नई कैबिनेट में करोड़पतियों की संख्या घटकर 21 हो गई है, जबकि पिछली सरकार में इनकी संख्या 22 थी । 29 मंत्रियों की औसत संपत्ति 2.46 करोड़ रुपये है ।