इस्लामाबाद |
आखिर अटकलों का दौर खत्म हुआ और 28 जुलाई को पनामा पेपर मामले में नवाज शरीफ के पद छोड़ने के बाद पाकिस्तान में आज हुए चुनाव में शाहिद खाकान अब्बासी को देश का नया प्रधानमंत्री चुन लिया गया। इस पद की दौड़ में पीएमएल-एन के अब्बासी समेत कुल 6 कैंडिडेट शामिल थे ।
न्यूज एजैंसी के मुताबिक राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने सदन के नए नेता का चुनाव करने के लिए नैशनल असैंबली (पार्लियामेंट के निचले सदन) की बैठक बुलाई थी। चुनाव के लिए कुल 342 वोटो में से अब्बासी को 221 मत हासिल हुए। अब्बासी पाकिस्तान के 18वें प्रधानमंत्री बने हैं। अब्बासी 45 दिनों तक देश के अंतरिम प्रधानमंत्री के पद पर रहेंगे जिसके बाद नवाज शरीफ के भाई और पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाएगा। प्रधानमंत्री बनने के लिए शाहबाज को 45 दिनों तक नैशनल असेंबली का सदस्य बनने के लिए चुनाव जीतना होगा।
पाकिस्तान के नैशनल असैंबली में प्रधानमंत्री चुनाव में विपक्ष में विवाद के कारण सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल एन) के उम्मीदवार अब्बासी के लिए जीत का रास्ता आसान हो गया था। सहयोगियों के समर्थन से पीएमएल-एन के पास अनिवार्य 172 की संख्या की तुलना में अधिक सदस्य थे और एक संयुक्त उम्मीदवार को देने में विपक्षी पार्टियों की विफलता से चुनाव में जीत इनके ही पाले में रही।
विपक्ष के नेता सैयद खुर्शीद शाह की अध्यक्षता में हुए ज्वाइंट मीटिंग के दौरान एक संयुक्त उम्मीदवार चुनने में असफल रहे चार विपक्षी पार्टियों के 5 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र भरा था। अब्बासी के खिलाफ नामांकन भरने वालों में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सैय्यद खुर्शीद शाह और सैय्यद नावेद कमर, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के उम्मीदवार आवामी मुस्लिम लीग के शेख राशिद अहमद, जमात-ए-इस्लामी के साहिबजादा तारिकुल्ला, और मुताहिदा कौमी मूवमेंट के किश्वर जेहरा थे।