पटना |
महागठबंधन से जेडीयू के बाहर होने के बाद आरजेडी अपने नेता तेजस्वी यादव और बिहार के पूर्व डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव का भविष्य संवारने में जुट गई है। पार्टी के लोग उन्हें एक नया ओहदा, नई ऊंचाई देने की तैयारी में हैं। विधानसभा में अपने भाषण के लिए तेजस्वी ने खूब वाहवाही बटोरी थी और अब जल्द वह पश्चिमी चंपारण से पदयात्रा करेंगे। यह वही जगह है, जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन से संबंध रखती है।
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद जहां 27 अगस्त को होने वाली रैली की तैयारी में जुटे हुए हैं, जिसमें विपक्ष के कई नेता हिस्सा लेने वाले हैं, वहीं तेजस्वी का मुख्य काम मौजूदा राज्य सरकार पर निशाना साधना होगा। लालू ने कई वरिष्ठ जेडीयू नेताओं को भी पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है ताकि सूबे में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष मजबूत हो सके।
बताया जा रहा है कि लालू की नजर केंद्रीय मंत्री उपेद्र कुशवाहा की आरएलएसपी और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी एचएएम पर भी है। ये दोनों पार्टियां बिहार में एनडीए की समर्थक हैं लेकिन अब तक नए मंत्रालय में इन्हें कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।