वाशिंगटन |
सिंधु जल समझौते में भारत और पाकिस्तान के बीच समन्वय स्थापित कराने के लिए विश्व बैंक तैयार है। वह निष्पक्षता के साथ दोनों देश के मतभेदों को खत्म करने में मदद करेगा। ये मतभेद भारत की दो पनबिजली परियोजनाओं को लेकर पैदा हो गए हैं।
सिंधु जल समझौते को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता फिर से शुरू होने का स्वागत करते हुए विश्व बैंक की उपाध्यक्ष (दक्षिण एशिया क्षेत्र) एनीटी डिक्शन ने कहा, दोनों देश विश्व बैंक की मेजबानी में वार्ता को तैयार हैं। यह वार्ता विश्व बैंक के वाशिंगटन स्थित कार्यालय में होगी। भारतीय राजदूत नवतेज सरना को लिखे पत्र में डिक्शन ने कहा है कि विश्व बैंक सहयोग और सद्भाव की इच्छा का स्वागत करता है।
मतभेद दूर करके सहमति के बिंदु तक पहुंचाने में विश्व बैंक की भूमिका हमेशा निष्पक्ष रहेगी। विश्व बैंक चाहता है कि समझौता को बनाए रखने के तरीकों के साथ दोनों पक्ष वार्ता में भाग लें। भारत की ओर अधिकारियों का दल जल संसाधन मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिंह की अगुआई में वार्ता में शामिल होगा।
इस दल में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ ही विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी भाग लेंगे। इससे पहले दोनों देशों के अधिकारी मार्च में सिंधु जल समझौते पर गठित स्थाई आयोग की बैठक में मिले थे। इस मुलाकात में भारत की दोनों परियोजना पर चर्चा हुई थी।