क़ुक्षी(देवेन्द्र जैन ) |
जैसे-जैसे सरदार सरोवर परियोजना के अंतर्गत डूब क्षेत्र को खाली कराने की माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय की अंतिम तिथि 31 जुलाई की नजदीकी देख डूब प्रभावितो का आंदोलन नर्मदा बचाओ में और तेजी आ रही है । इसी के चलते आज नर्मदा किनारे धार के चिखलदा में रहवासियो ने जल सत्याग्रह शुरू किया। जिसमें अधिकतम महिलाए ओर स्कूली बालिकाए शरीक हुईं । इस आंदोलन में महिलाएं बालिकाएं और पुरुष नर्मदा किनारे जल में बैठी रही। इधर ग्राम चिखलदा में नर्मदा आंदोलन की प्रमुख मेघा पाटकर का अनशन जारी है। जल सत्याग्रह की खबर मिलते ही प्रशासनिक अमला एवम पुलिस प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी आंदोलन स्थल पर पहुचे। आंदोलन में शरीक स्कूली बालिका कु सारा मंसूरी ने इस प्रतिनिधि से बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार हमे यहाँ डुबाने पर आमदा है हमारे पुनर्वास की चिंता एवम हमारे शिक्षण की तनिक भी चिंता नही है पुनर्वास स्थलों पर रहने और शिक्षण की कोई व्यवस्था नही है फिर ऐसे नारो का क्या औचित्य कु अंजुम मंसूरी ने बताया कि हमारे परिजन हमारी शिक्षा के साथ अपने भविष्य की चिंता में है और शासन हमसे हमारे आशियाना छीनकर बेघर करना चाहता है । आंदोलन से जुड़े चिखलदा निवासी भागीरथ ने बताया कि शिवराज सिंह चौहान ने हमारे साथ छलावा किया है हमारे पुनर्वास की चिंता न कर सिर्फ माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन की चिंता है।पुनर्वास स्थलों पर वर्तमान तक कोई व्यवस्था नही हुई जिससे इस बात का भरोसा हो कि सरकार हमारे भविष्य के प्रति सजिन्दा है ।उनका ये आंदोलन लगातार जारी रहेगा। सूत्रों के अनुसार पता लगा है कि आज मध्यान्त तक जल सत्याग्रही बड़वानी पहुचेंगे जहा जिला मुख्यालय पर कफन सत्याग्रह करेगे ।आंदोलन सभी सफेद कफन पहन कर बड़वानी में प्रदर्शन करेंगे।