नई दिल्ली |
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर ने कानून की अवहेलना को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि अब कानून तोडऩा और कोर्ट की अवमानना करना धीरे-धीरे हमारे कल्चर और खून में आ गया है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि हम भारतीय कानून को तोडऩा अपनी शान समझते हैं। जस्टिस ने ये बातें 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान कही। उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं सहा जा सकता, अगर आप एक तरक्की वाला देश बनना चाहते हो तो आपको कानून का पालन करना होगा। अगर कानून का पालन नहीं होगा तो आपको सजा मिलेगी।
जस्टिस खेहर का कार्यकाल 24 अगस्त को होगा पूरा
जस्टिस दिल्ली के लाजपत नगर में एक इंस्टीट्यूट के हेड दिनेश खोसला के द्वारा घर की बिल्डिंग का उपयोग कमर्शियल के तौर पर करने के मामले की सुनवाई कर रहे थे, उसी दौरान उन्होंने ये टिप्पणी की। उनकी इस टिप्पणी को 9000 करोड़ रुपए का कर्ज लेकर फरार विजय माल्या के कोर्ट की अवमानना करने से भी देखा जा सकता है, माल्या ने कोर्ट के आदेश के बावजूद भी कोर्ट में पेशी को बार-बार नकारा। जस्टिस खेहर का कार्यकाल 24 अगस्त को पूरा हो रहा है। उन्होंने देश के अगले मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस दीपक मिश्र का नाम प्रस्तावित किया है।