नई दिल्ली |
हॉवित्जर तोप सौदे में 1437 करोड़ रुपये के वित्तीय लेन-देन का संकेत देने वाली ताजा मीडिया रिपोर्ट के बीच इस बात की अटकलें हैं कि राजनैतिक रूप से संवेदनशील 64 करोड़ रुपये के बोफोर्स तोप सौदे में भ्रष्टाचार का मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए आ सकता है।
बीजेपी नेता एवं अधिवक्ता अजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह मामला इस माह की शुरुआत में साप्ताहिक सूची में सूचीबद्ध था लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हो सकी। अग्रवाल ने इस मामले में यूरोप के हिंदुजा बंधुओं के खिलाफ आरोपों को रद्द किए जाने के दिल्ली हाई कोर्ट के 31 मई 2005 के फैसले को चुनौती दी थी। उन्होंने कहा कि एक बार संविधान पीठ निजता के अधिकार पर सुनवाई पूरी कर ले इसके बाद सुप्रीम कोर्ट मामले को सूचीबद्ध कर सकता है। इसके अलावा इस मामले की शीघ्र सुनवाई के लिए एक आवेदन देने पर भी विचार कर रहे हैं।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद 90 दिन के भीतर CBI की ओर से याचिका दाखिल नहीं करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 18 अक्तूबर 2005 को उनकी याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली थी। इस सुनवाई का इसलिए महत्व होगा क्योंकि बोफोर्स घोटाले की जांच दोबारा खोलने की सत्तारुढ़ बीजेपी सांसदों ने मांग की है। बीजेपी सांसदों ने यह मांग तब की थी जब मीडिया में आई खबरों में स्वीडिश मुख्य जांच अधिकारी स्टेन लिंड्सट्रॉम ने शीर्ष स्तर पर कथित तौर पर रिश्वत का भुगतान किए जाने का संकेत दिया था।