नई दिल्ली |
रक्षामंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आश्वासन दिया है कि भारतीय सेना किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से लैस है। हाल ही में आई कैग रिपोर्ट में गोला-बारूद की उपलब्धता मामले से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि गोला-बारूद की उपलब्धता को सुगम बनाने के लिए खरीद प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण किया गया है और सैन्य प्रमुखों को इस बारे में अधिकार भी प्रदान किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि संसद के इसी सत्र में पेश की गई सीएजी रिपोर्ट में कहा गया था कि सेना के पास बेहद कम मात्रा में गोला-बारूद उपलब्ध है। इस मामले में रिपोर्ट में रक्षा अधिकारियों पर भी सवाल उठाए गए थे। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के राजीव सात्व और अन्य सदस्यों के पूरक सवालों का जवाब देते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि संसदीय प्रक्रिया के अनुसार कैग की रिपोर्ट संसद में आने के बाद लोक लेखा समिति की भेजी जाती है और जब लोकलेखा समिति अपनी टिप्पणियों के साथ यह रिपोर्ट सरकार को भेजती है, तब इस पर सरकार कार्रवाई करती है। अगर समिति ने इस रिपोर्ट को लेकर भी कोई सिफारिश की तो सरकार कार्रवाई करेगी। रक्षामंत्री ने सदस्यों को यह भी बताया कि कैग की यह रिपोर्ट 2012 से 2016 की अवधि को लेकर है। सरकार ने वैसे भी गोला-बारूद उपलब्ध कराने के लिए खरीद प्रक्रिया को आसान बनाया है और इस वक्त सेना किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने डिफेंस के लिए रणनीतिक भागीदारी संबंधी अपनी पॉलिसी को अंतिम रूप दिया है। उन्होंने कहा कि रक्षा उपकरणों आदि के लिए सरकारी पीएसयू के अलावा निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने माना कि कुछ उपकरण विदेशों से मंगाने पड़ते हैं लेकिन अब देश के भीतर ही रक्षा उत्पादन इकाइयों में भारत का योगदान बढ़ रहा है। गोला बारुद की कमी के बारे में एक और सदस्य की ओर से उठाए गए सवाल पर रक्षामंत्री ने कहा कि देशहित में इस तरह की जानकारी का खुलासा नहीं किया जा सकता।