नई दिल्ली |
कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे। उन्होंने अदालत की अवमानना के ऐक्ट की संवैधानिकता को लेकर याचिका दायर की। जस्टिस ने अपनी याचिका में कंटेम्पट ऑफ कोर्ट एक्ट को संवैधानिक आधार पर चुनौती दी। कर्णन को सुप्रीम कोर्ट ने कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट एक्ट के तहत ही कोर्ट की अवमानना करने के आरोप में 6 महीने के कारावास की सजा दी है। हाईकोर्ट ने आज याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सी एस कर्णन के वकील से सुप्रीम कोर्ट के पूरे जजमेंट को सिलसिलेवार तरीके से देने को कहा। दरसअल कोर्ट जानना चाहता है कि कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट एक्ट में हाइकोर्ट संशोधन को लेकर सुनवाई कर भी सकता है या नहीं।
कर्णन को अंतरिम जमानत देने से किया था इनकार
इससे पहले हाइकोर्ट ने जस्टिस कर्णन की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया था। जस्टिस कर्णन को अदालत के अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 9 मई को 6 माह कैद की सजा सुनाई गई थी। उन्होंने 20 जून को कोयम्बटूर से हुई अपनी गिरफ्तारी के बाद सुप्रीम कोर्ट में जमानत की भी अपील की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 6 महीने की जेल की सजा को निलंबित करने से भी इनकार कर दिया था। अदालत की अवमानना के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद 20 जून को कर्णन को पश्चिम बंगाल सीआईडी ने तमिलनाडु के कोयम्बटूर से गिरफ्तार किया था।