इंदौर।
अंगदान में लगातार आगे बढ़ रहे इंदौर ने एक बार फिर इतिहास रचा। लगातार दूसरे दिन ब्रेनडेड महिला के अंगदान किए गए। लिवर व दोनों किडनियां इंदौर के ही अस्पतालों में ट्रांसप्लांट की गई। जबकि दिल लेने दिल्ली से आयी डॉक्टरों की टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा। महिला का दिल दान नहीं हो सका।
बुधवार को मंदसौर निवासी अर्चना डोसी के अंगदान होने के बाद गुरूवार को देवास जिले के जैतपुरा गांव की 38 वर्षीय संजना नागर के अंगदान हुए। सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद 22 जुलाई से महिला बांबे अस्पताल में भर्ती थी। डॉक्टरों द्वारा ब्रेनडेड प्रमाणित करने के बाद परिवार ने खुद अंगदान के लिए मुस्कान ग्रुप से संपर्क किया। महिला के 12 व 8 साल के दो बेटे है। पति मनोहर नागर ने इस विपरीत समय में अंगदान का फैसला लिया। इस फैसले के बाद भी वे पत्नी के आसपास घूम रहे थे कि शायद वह आंख खोल दें।
परिजन ने संजना की जिंदगी की खातिर सभी परंपरागत व धार्मिक उपाय भी कर लिए। आखिरकार बुधवार रात डॉक्टरों के ब्रेन स्टेम डेड प्रमाणित करने के बाद गुरूवार सुबह अंग निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई। पहला ग्रीन कॉरिडोर लिवर के लिए सुबह 10.15 बजे मेदांता अस्पताल तक बना। वहीं किडनी के लिए ग्रीन कॉरिडोर सुबह 11.10 बजे चोइथराम अस्पताल के लिए बना। एक किडनी बांबे अस्पताल में ही मरीज को ट्रांसप्लांट की गई।