नई दिल्ली।
नोटबंदी के फैसले के नौ महीने बाद भी बंद किये गए 500 और 1000 रुपये के कितने नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस आये इस बात का जवाब आज भी किसी के पास नहीं है।
राज्यसभा में विपक्षी दलों ने यही सवाल उठाते हुए पूछा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) यह आंकड़े क्यों नहीं दे पा रहा है।
राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने मंगलवार को कहा, ‘नौ महीने में तो बच्चे का भी जन्म हो जाता है। लेकिन देश को अभी तक नहीं मालूम कि कितने पुराने और प्रतिबंधित नोटों को वापस किया गया।’
शर्मा ने बैंकिंग प्रणाली में वापस आये बंद किये नोटों का ब्योरा मांगते हुए कहा, ‘हम चांद और मंगल पर जाने की बातें कर रहे हैं। लेकिन इतने दिनों में रुपये नहीं गिन पाये।’
राज्यसभा में इस मुद्दे पर अन्य विपक्षी दलों का समर्थन मिलते ही शर्मा ने कहा, ‘आरबीआइ के लिए अब मैं तो धन की गिनती नहीं करूंगा।’ उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी का ऐलान करके 500 रुपये के पुराने नोट बंद कर दिये थे।
साथ ही 1000 रुपये के नोटों को भी बंद तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया था। केंद्र सरकार ने यह कदम कालेधन और नकली नोटों के खात्मे के लिए उठाया था।
नोटबंदी के बाद सरकार ने अलग-अलग समयों पर विभिन्न श्रेणी के लोगों के लिए कई योजनाएं शुरू कीं जिसमें लोग बंद किये नोट अपने बैंक खातों में जमा कर सके।
साथ ही अपने पुराने नोटों को नये नोटों से बदल भी सकें। इसकी आखिरी समयसीमा 30 जून को खत्म हो गयी है। इधर, आरबीआइ ने भी पूरे आंकड़े देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि इन आंकड़ों की दोबारा पुष्टि करनी होगी।
उसका कहना था कि हिसाब कीगलतियों या नोट दोबारा गिने जाने की त्रुटियों से बचने के लिये ऐसा करना होगा।
इस संबंध में वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विगत 2 दिसंबर को राज्यसभा में जवाब दिया था कि 500 के 1716.50 करोड़ और 1000 के 685.80 करोड़ नोट सर्कुलेशन में हैं।
इनका कुल मूल्य 15.44 लाख करोड़ रुपये है। यह धनराशि सर्कुलेशन में मौजूद कुल धनराशि (17.97 लाख करोड़ रुपये) का 86 फीसद है।