रायपुर।
छत्तीसगढ़ में नोटबंदी के बाद दहशत में आए नक्सलियों ने अब जीएसटी का विरोध शुरू किया है। नक्सलियों के प्रवक्ता विकल्प ने एक पर्चा जारी करके आरोप लगाया कि कार्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने कर प्रणाली में बदलाव किया है।
उन्होंने कहा कि देश की नौकरशाही पूंजीपतियों के हितों के लिए देश को एक ही एकीकृत बाजार के रूप में ढालने की साजिश कर रही है। राज्यों के अधिकारों को कुचलते हुए परोक्ष कर नीति को सुधारकर वस्तु एवं सेवा कर को सामने लाया गया है।
विकल्प ने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने के नाम पर सरकार ने बड़े नोट को बंद कर दिया। लोगों के पास मौजूद पैसे को बैंकों में जमा करा दिया। ऐसा करके सरकार ने कार्पोरेट घरानों की जेब भरने का ही काम किया है।
ऐसा करके संघ परिवार और सत्ता के करीबी लोगों को जमकर फायदा पहुंचाया गया और आम गरीब जनता को मुश्किलों में खड़ा कर दिया। छत्तीसगढ़ में नोटबंदी के बाद माओवादियों के करोड़ों रुपए के पुराने नोट को जब्त किया।
बस्तर पुलिस ने जमीन के अंदर गाड़ कर रखे पैसे को बरामद करके नक्सलियों की कमर ता़ेडने का काम किया है। नक्सलियों ने कहा कि मोदी सरकार देश में अंध देशभक्ति और झूठा राष्ट्रवाद फैला रही है। इनका विरोध करने वाले को देशद्रोही करार देकर कार्रवाई की जा रही है।