नई दिल्ली |
जम्मू-कश्मीर में हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने के मामले में सोमवार को सात अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी के पीछे सुरक्षा एजेंसियों की महीनों की जांच-पड़ताल शामिल है। पिछले साल आठ जुलाई को आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर में खात्मे के बाद घाटी में पथराव और हिंसा के मामलों में काफी इजाफा हुआ था। अब नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की डेढ़ महीने तक चली विस्तृत जांच में इन हिंसक घटनाओं से जुड़े कई अहम खुलासे हुए हैं। एनआईए को अलगाववादी नेताओं और जांच में घेरे में रहे 4 दर्जन कश्मीरी युवाओं के बीच बातचीत के ठोस सबूत मिले हैं।
टेलिफोन पर हुई बातचीत से पता चलता है कि कुल 48 ‘आदतन’ पत्थरबाज स्थानीय छोटे कद के हुर्रियत नेताओं के संपर्क में थे। आरोप है कि ये नेता भी इस दौरान टॉप अलगाववादी नेताओं के संपर्क में थे। जांच में आतंकी फंडिंग के मॉड्यूल का भी पता चला है। बड़े अलगाववादी नेता स्थानीय नेताओं को फंड देते थे। इसके बाद, ये नेता पत्थरबाजी और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को पैसे देते थे।