बालाघाट।
बालाघाट जिला मध्यप्रदेश ही नहीं देश में बेहतर व गुणवत्ता पूर्ण चावल के लिए प्रसिद्ध है। प्रदेश में 80 प्रतिशत चावल का निर्यात भी बालाघाट जिले से ही होता है। लेकिन चिन्नौर, जयश्रीराम आरपीएन जैसे उच्च क्वालिटी के चावल उत्पादन करने वाले बालाघाट जिले में अब नकली चावल बेचा जा रहा है। दो दिनों से जिले में बनने वाला चावल प्लास्टिक की गेंद की तरह बन जाता है, और इस चावल को खाकर लोग बीमार भी पड़ रहे हैं। और खाद्य विभाग अमला इसे असली चावल बता रहा है।
रविवार को वारासिवनी में सामने आया मामला
रविवार को नकली चावल का मामला वारासिवनी में सामने आया हैं। यहां पर राकेश चौबे के परिवार ने पांच किलों चावल आम्बेडकर चौक से खरीदा था। उसे पकाकर खाने के बाद उनकी पत्नी ममता चौबे के पेट में दर्द होने से तबीयत खराब हो गई थी। इसे परिवार मौसम परिवर्तन को कारण मान रहा थ्ाा। लेकिन न्यूज देखने के बाद जब परिवार ने चावल को पकाकर इसका गोला बनाया तो यह प्लास्टिक की गेंद की तरह हो गया। इतना ही नहीं संदेह होने पर चावल को तवे में जब गर्म किया तो उसमें से प्लास्टिक की तरह सुंगध और भाप निकलने लगी।