जालंधर |
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को अपने सहयोगी दल, भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि जी.एस.टी. और नोटबंदी समेत कई मुद्दों को लेकर उनका भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकार से विश्वास उठ गया है। ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र सामना के साथ अपने जन्मदिन से पूर्व दिए जाने वाले पारंपरिक वार्षिक साक्षात्कार श्रृंखला में भाजपा पर तीखा प्रहार किया।
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ठाकरे ने सामना के कार्यकारी संपादक और राज्यसभा सांसद संजय राउत से कई मुद्दों पर बातचीत की। वस्तु एवं सेवा कर जी.एस.टी. लागू किए जाने से नाराजगी के सवाल पर ठाकरे ने कहा कि यह पूरी तरह गड़बड़झाला है। वह चुप नहीं रहेंगे। उन्होंने ही सबसे पहले इस बात को उठाया था कि जी.एस.टी. से लोग कैसे प्रभावित होंगे। अब उन्हें ही फैसला करना है कि इसे सहें या इससे लड़ें। उन्होंने कहा कि गुजरात में छोटे व्यापारी जी.एस.टी. के विरोध में सड़कों पर उतर आए तो उन्हें बेरहमी से पीटा गया।
ठाकरे ने कहा कि उन्होंने जी.एस.टी. का विरोध किया था, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल में सब कुछ केंद्रीकृत हो गया है। उन्होंने कहा कि क्या यह असल में लोकतंत्र हैं? यह दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा जमीनी स्तर पर लागू किए गए पंचायती राज के बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने पिछले साल की गई नोटबंदी का उदाहरण देते हुए सरकार को इस पर विचार करने को कहा कि उनकी नीतियां आमजन के लिए सही हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि उन्होंने पढ़ा कि नोटबंदी के कारण 15 लाख लोगों का रोकागार चला गया। इसका अर्थ यह है कि इससे 60 लाख लोग प्रभावित होंगे। इन 60 लाख लोगों को दाल-रोटी कौन देगा?
ठाकरे ने कहा कि उन्होंने ही सबसे पहले नोटबंदी का विरोध किया था। ठाकरे ने कहा कि अपनी नौकरियां गंवाने वालों से पूछिए कि असली देशद्रोही कौन है। वह मोदी के बारे में बात नहीं कर रहे, बल्कि सरकारी तंत्र की बात कर रहे हैं। जब भी शिवसेना कुछ कहती है, उसे सरकार विरोधी माना जाता है। लेकिन यह गलत है, वह हमेशा जनता के साथ हैं।