मेरठ |
मुद्दे पर सूबे को मथने का ऐलान करने वाली बीएसपी प्रमुख मायावती की हर रैली में कम से कम ढाई लाख लोग शिरकत करेंगे। पार्टी थिंकटैंक ने हर विधानसभा क्षेत्र से पांच-पांच हजार लोगों को लाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे बीएसपी नेताओं को पूरी व्यवस्था का जिम्मा दिया है। संगठन के साथ मिलकर पूर्व प्रत्याशी संसाधन जुटाएंगे। यही रैली लोकसभा चुनाव 2019 और विधानसभा चुनाव 2024 के लिए प्रत्याशी चयन का भी अधार होगा।
मायावती की तरफ से छेड़ी गई इस ऐंटी बीजेपी मुहिम में पार्टी कमजोर संदेश नहीं देना चाहती है। माया और पार्टी का मानना है कि दो मंडलों की 18 सिंतबर से होने वाले रैली को सफल साबित किया जाए। बीजेपी की दलितों में सेंध की कोशिश को नाकाम करने के उद्देश्य से रैली में लाखों दलितों को जुटाया जाए, ताकि जनता में संदेश जाए कि दलित पूरी तरह माया और बीएसपी के साथ हैं। हर जिले मे तीन से लेकर सात तक विधानसभा क्षेत्र हैं। सभी दो-दो मंडल में चालीस के आसपास विधानसभा क्षेत्र कम से कम हैं। इसलिए बीएसपी की तरफ से जिलों में संदेश दे दिया गया है कि रैली में कम से कम ढाई लाख की भीड़ पहुंचनी चाहिए।
इस आकंड़े को छूने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र से कम से कम पांच हजार लोगों को शिरकत करने की व्यवस्था बनाई जाए। बीएसपी के विधान परिषद में सचेतक एमएलसी अतर सिंह राव का कहना है कि यूपी में होने वाली बहनजी की हर रैली ऐतिहासिक साबित होगी। रैली की शुरुआत मेरठ से होगी। यहां पर सहारनपुर और मेरठ मंडल के नौ जिलों की रैली होगी। मेरठ में सात, मुजफ्फरनगर में छह, शामली में तीन, बागपत में तीन, बुलंदशहर में सात, हापुड़ में तीन, सहारनपुर में सात, गाजियाबाद में पांच और गौतमबुद्धनगर में तीन विधानसभा सीट हैं। इन 44 सीटों से ढाई लाख लोग लाए जाएंगे।