चेन्नै |
धर्म के नाम पर अतिवादी घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। केरल में शुक्रवार को ऐसे दो मामले सामने आए हैं। एक तरफ एक असिस्टेंट प्रफेसर को हिंदुत्व के कथित ठेकेदारों ने ऐसिड अटैक की धमकी दी, तो दूसरी तरफ एक लेखक को इस्लामिक कट्टरपंथियों ने धर्म न बदलने पर जान से मारने की धमकी दी है। दोनों ही मामलों में पुलिस ने केस दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।
दीपा निसंत, थ्रिसुर के श्री केरल वर्मा कॉलेज में असिस्टेंट प्रफेसर के पद पर हैं। पूरा मामला स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के एक पोस्टर से जुड़ा है जिसमें एमएफ हुसैन की बनाई सरस्वती की विवादित पेंटिंग का इस्तेमाल किया गया था। यह पोस्टर कॉलेज में आने वाले फ्रेशर्स के स्वागत में लगाया गया था। हिंदूवादी कार्यकर्ता इस पोस्टर का विरोध कर रहे थे, जबकि दीपा इस मुद्दे पर SFI का साथ दे रही थीं। हालांकि इस पोस्टर को पुलिस में शिकायत किए जाने के बाद हटा लिया गया था। लेकिन दीपा हिंदूवादी कार्यकर्ताओं के निशाने पर आ गईं। सोशल मीडिया पर उन्हें ऐसिड अटैक की धमकी दी गई। इतना नहीं नहीं, उस पेंटिंग में मॉरफिंग के जरिए उसे उनके न्यूड फोटो के तौर पर पेश किया गया। हालांकि दीपा इससे डरीं नहीं और पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आईपीएस की विभिन्न धाराओं और आईटी ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
दूसरी तरफ कोझिकोड में केपी रामनुन्नी नाम के एक लेखक को कथित तौर पर कुछ इस्लामिक कट्टरपंथियों की ओर से जान से मारने की धमकी मिली है। इस संबंध में छह दिन पहले उन्हें एक धमकी भरा पत्र मिला, जिसकी पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि राममुन्नी ने एक मलयालम अखबार में लेख लिखा था, जो कुछ कट्टरपंथियों को पसंद नहीं आया। अपने लेख में उन्होंने सांप्रदायिक सदभाव और भाईचारे बनाए रखने की बात कही थी। इस्लामिक कट्टरपंथियों ने आरोप लगाया कि इस लेख का मकसद मुस्लिमों को गुमराह करना था।