नई दिल्ली |
भारतीय रेल में परोसा जाने वाला खाना खाने लायक नहीं है। शुक्रवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की ओर से संसद में रखी गई रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया कि दूषित खाद्य पदार्थों, रिसाइकिल किया हुआ खाद्य पदार्थ और डिब्बा बंद व बोतलबंद वस्तुओं का उपयोग उस पर लिखी इस्तेमाल की अंतिम तारीख के बाद भी किया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि रेलवे की फूड पॉलिसी में लगातार बदलाव होने से यात्रियों को बहुत ज्यादा परेशानियां होती हैं।
‘साफ-सफाई के पुख्ता इंतजाम नहीं’
एक निरीक्षण से पता चला है कि खान-पान की तैयारी के दौरान साफ-सफाई का उचित ध्यान नहीं रखा जाता है। इतना ही नहीं खाना या अन्य सामान लेने के बाद ग्राहक काे बिल भी नहीं दिया जाता। रेलवे और CAG की ज्वाइंट टीम ने 74 स्टेशनों और 80 ट्रेनों का निरीक्षण किया और पाया कि खाना बनाने के लिए अशुद्ध पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है। कचरे के डिब्बे काे ना ही ढक कर रखा जाता है। इसके अलावा खाने को मक्खी, कीड़े-मकोड़े, चूहे और कॉकरोच से बचाने के लिए कोई पुख्ता उपाय नहीं किया जाता।