दार्जिलिंग |
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (GJM) के नेताओं द्वारा कश्मीर फोन किए जाने की बातें सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि IB के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। IB अधिकारी मनोज लाल ने इसकी जानकारी सीएम ममता बनर्जी को भी दी, लेकिन कहा जा रहा है कि ममता ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, दार्जिलिंग के मुद्दे पर चर्चा के लिए सचिवालय में अहम बैठक हुई है।
इस बैठक में सीएम के अलावा IB ऑफिसर, मुख्य सचिव माले डे, गृह सचिव अटरी भट्टाचार्य, डीजी सुरजीत करपुरकायस्थ और राज्य के खुफिया विभाग के अधिकारी भी थे। IB अधिकारी मनोज लाल ने इस दौरान बताया कि कश्मीर के आतंकी संगठनों और GJM की मांग में अंतर है। उन्होंने कहा, ‘जीजेएम के लोग अलग राज्य की मांग कर रहे हैं और कश्मीर के आतंकी अलग देश मांग रहे हैं। उनके धर्म और संस्कृति में भी कोई समानता नहीं है। ऐसे में GJM के लोग कश्मीर में क्यों फोन कर रहे हैं। इस मामले में जांच की जा रही है।’
सरकारी सूत्रों ने बताया, मोर्चा के नेताओं के असम, मणिपुर, नगालैंड के आतंकियों के अलावा नेपाल के माओवादियों से भी संबंध रहे हैं। इसको लेकर खुफिया एजेंसी के पास पुख्ता सबूत हैं। GJM पहाड़ी इलाके को अस्थिर करने के लिए सिक्किम को गलियारा बना रहा है और उसे नेपाल का पूरा समर्थन मिला हुआ है। नेपाल के चीन के साथ अच्छे संबंध हैं। ऐसे में मोर्चा को चीन की भी मदद मिल सकती है। खुफिया एजेंसी इस पर और जानकारियां इकट्ठा कर रही है। IB अधिकारी ने बताया कि केंद्र सकरार बातचीत के जरिए चीन के साथ अपने मतभेद दूर करने का प्रयास कर रही है।