मुंबई |
महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने समूह खेती को हरी झंडी दे दी है। इसके लिए सरकार ने चालू वर्ष के बजट में करीब 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। समूह खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। सरकार का मानना है कि किसानों के लिए उठाए जा रहे कदम से सन 2022 तक उनके आय में दुगुने की बढ़ोतरी होगी।
राज्य में जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ ही राज्य में खेती की जमीनें कम होती जा रही है। सन 2010-11 की एक रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में प्रति धारक 1970-71 में 4.28 हेक्टयर खेती की जमीन थी, जो अब कम होकर सन 2010-11 में 1.44 हेक्टयर प्रति धारक ही रह गई है। कुछ जगह पर तो प्रति धारक 11 से 15 गुंठा (1089 वर्ग फुट का एक गुंठा और 98.8 गुंठे का एक हेक्टेयर जमीन) ही खेती है। ऐसी स्थिति में किसानों के लिए कम जमीन पर खेती करना आर्थिक रूप से लाभदायक नहीं है। किसानों के लिए सरकार समूह खेती का एक विकल्प सामने लाया है। समूह खेती के लिए किसानों को एक प्लैटफॉर्म पर आना पड़ेगा। जमीन की भौगोलिक स्थित को देखते हुए उपजाऊ व बंजर जमीन का ग्रुप बनाना होगा, ताकि सब लोग एकजुट होकर खेती कर सके। उसके लिए उन्हें सरकार हर तरह से मदद करेगी।