अहमदाबाद |
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने निर्माण क्षेत्र समेत 39 तरह के काम करने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सिर्फ दस रुपए में भरपेट भोजन मुहैया कराने वाली राज्यव्यापी श्रमिक अन्नपूर्णा योजना की आज यहां शुरूआत की। इस अवसर पर उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार अमीरों और उद्योगपतियों की नहीं बल्कि गरीब, श्रमिक और वंचितों की सरकार है। उन्होंने कहा कि जो श्रमिक देश के विकास के लिए दिन-रात पुरुषार्थ करते हैं, उनके लिए राज्य सरकार ने अनेक कल्याणकारी योजनाएं कार्यान्वित की हैं। उनके चलते ही देश में अनेक महाकाय परियोजनाओं ने आकार लिया है, बावजूद इसके उनकी संवेदनाओं की परवाह 60-65 वर्ष तक शासन करने वालों ने कभी नहीं की। श्रमिक बगैर कुछ गलत किए अपने परिश्रम से आगे बढ़ता है, वह निश्ंिचत होकर अपनी भूख शांत कर सके, इसके लिए राज्य सरकार ने यह योजना कार्यान्वित की है। यह कोई दया अथवा उपकार का भाव नहीं बल्कि मानवीय संवेदना आधरित पहल है।
राज्य की प्रत्येक कल्याण योजना के केन्द्र में गरीब रहा है। उन्होंने कहा कि हम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के हर हाथ को काम के मंत्र को लेकर चल रहे हैं। अयोध्या में राम, महंगाई पर लगाम, गरीबों को काम और किसानों को सही दाम के शासन मंत्र से सरकार ने राम राज्य की संकल्पना को साकार करने का संकल्प किया है।सरकार वंचित वर्ग को मकान और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए कई कदम उठा रही है। श्रम एवं रोजगार मंत्री दिलीप भाई ठाकोर ने कहा कि राज्य में 39 तरह के कार्य करने वाले 25000 से अधिक श्रमिकों को 10 रुपए में पौष्टिक एवं सात्विक भोजन देने का यह प्रायोगिक पायलट प्रोजेक्ट है। राज्य सरकार ने श्रमिकों के रोटी और मकान की चिंता की है। इसलिए ही आवास योजनाओं के जरिए गरीबों को आवास दिया है और अब कोई भी गरीब श्रमिक भूखा न सोए इसकी चिंता की है।